स्वामी दयानंद सरस्वती जी द्वारा दिया गया वेदांत अध्ययन का क्रम
फिर छह उपनिषद विशेष क्रम से-
3) मुंडक उपनिषद
4) केन उपनिषद
5) कठो उपनिषद
6) कैवल्य उपनिषद
7) तैत्रिय उपनिषद
8) माण्डूक्य उपनिषद
9) ब्रह्मसूत्र के पहले चार सूत्र जिनको चतुसुत्रि कहा जाता है|
इस प्रकार यह प्रस्थानत्रयम वेदांत क्या है इसकी एक व्यापक तस्वीर देता है।
कुछ प्रकरण ग्रंथ - जैसे अपरोक्षानुभूति, वाक्यवृत्ति, दृग दृश्य विवेक, अद्वैत मकरंद, दक्षिणामूर्ति स्तोत्र, साधन पंचकम में से कुछ एक का अध्ययन शास्त्र के अवलोकन में मदद करेंगे।
यदि कोई इसे भली प्रकार प्राप्त कर सके तो उसे ब्रह्म विद्या का लाभ मिल सकता है।